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दो बातें अपने आप से

ये क्यूँ जरूरी है कि कोई तुम्हे प्यार करे ये जो आदत ऊँचा बोलने कि और शायद बेबात भड़क जाते हो , ऐसा  लगता हो शायद किसी को शायद किसी को यह मिजाज़ पसंद हो लेकिन बहुत से लोग इसीलिए  हो गए हैं दूर सड़क पार करने की जल्दबाजी , खाना खाने में ढीलापन या जरा जरा सी बात पर उदास हो जाना कई लोगो को  तुम्हे प्यार करने से रोक देता है फिर बहुतो को पसंद नहीं ये तेवर हर किसी से बेबाक बात करना चलते हुए हर एक एक को दुआ सलाम कहना एक बार फिर तुम्हारे खिलाफ है तुम सब पर यकीन करते हो  तो ये जरूरी नहीं सभी तुम्हे भी एक विश्वाश दें हाँ शायद एक बात कुछ अच्छी लगती है कुछ लोगो को मैं एसा  ही  जचता  हूँ और वे सब करते हैं मुझसे  प्यार

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